Month: December 2014
Awakening
Turn to God, before you return to God. (आज जीवन का एक और वर्ष / अध्याय पूरा होने जारहा है, अब तो जाग जाओ)
काल का परिणमन
काल द्रव्य के परिणमन में काल द्रव्य ही सहकारी होता है । पर एक कालाणु दूसरे कालाणुओं के परिणमन में सहकारी नहीं, बल्कि हर कालाणु
पाप
कच्चा पारा और पका पाप छुपते नहीं हैं, शरीर से फूट फूट कर निकलते हैं । मुनि श्री कुंथुसागर जी
भगवान की वाणी
हाथी के पैर में सबके पैर समा जाते हैं । भगवान की वाणी में सारा ज्ञान/तर्क वितर्क समा जाते हैं । चिंतन
Meditation/Love/Knowledge
Find God – Inside you by Meditation, in others by Love, in every one by Knowledge. (Shuchi)
स्वप्न
99% सपने और जो बार बार एक ही स्वप्न आये तो उनका महत्व कुछ भी नहीं होता । मुनि श्री प्रमाणसागर जी
भगवान बनना
जब पत्थर,पहाड़ के प्रति अपना मोह छोड़ देता है और छैनी हथौडे की पीडा सहता है, तब भगवान बनता है। चिंतन
Knowledge
As you can never be over-dressed, similarly one can never be over-educated. (Pranshi Jain)
धर्मात्मा
धर्मात्मा बर्फ के डेले जैसे होते हैं, उन्हें तोडो / चूरा कर दो ,फिर भी वे शीतलता ही देंगे। (मंजू)
सुख/दुख
सुख/दुख में रहना सामान्य बात है। दुख सह लिए , तो फायदे में, सुख सहे , तो घाटा। चिंतन
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