Month: May 2017
करुणा / दया
May 5, 2017
करुणा बिना किसी निमित्त के भी आती है, जैसे “सुखी रहे सब जीव जगत के…” । दया निमित्त से, दीन दु:खी को देखकर ।
भगवान और इनसान
May 4, 2017
मिट्टी की मूर्तियाँ बनाने वाला कलाकार ईश्वर से कहता है….. हे प्रभु ! तू भी एक कलाकार है और मैं भी एक कलाकार हूँ, तूने
भक्ति / ज्ञान / चारित्र
May 2, 2017
भक्त बार बार जन्म माँगता है; ज्ञानी बार बार जन्म ना मिले, ऐसी भावना भाता है; चारित्रधारी कुछ भी नहीं माँगता, पर उसे बिना माँगे
ऋद्धि
May 2, 2017
गणधरों को दीप्ति ऋद्धि तब काम आती है जब भगवान का निर्वाण हो जाता है । समवसरण में तो भूख साधारणजन को भी नहीं लगती
पुण्य तिथि
May 1, 2017
साधु संतों की बरसी को पुण्य तिथि कहना ठीक है । पर साधारण व्यक्ति के साधारण मरण को वैराग्य या पुण्यवर्धक तिथि कहना चाहिेए ।
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