Month: May 2017

करुणा / दया

करुणा बिना किसी निमित्त के भी आती है, जैसे “सुखी रहे सब जीव जगत के…” । दया निमित्त से, दीन दु:खी को देखकर ।

Read More »

भगवान और इनसान

मिट्टी की मूर्तियाँ बनाने वाला कलाकार ईश्वर से कहता है…..  हे प्रभु ! तू भी एक कलाकार है और मैं भी एक कलाकार हूँ, तूने

Read More »

भक्ति / ज्ञान / चारित्र

भक्त बार बार जन्म माँगता है; ज्ञानी बार बार जन्म ना मिले, ऐसी भावना भाता है; चारित्रधारी कुछ भी नहीं माँगता, पर उसे बिना माँगे

Read More »

ऋद्धि

गणधरों को दीप्ति ऋद्धि तब काम आती है जब भगवान का निर्वाण हो जाता है । समवसरण में तो भूख साधारणजन को भी नहीं लगती

Read More »

पुण्य तिथि

साधु संतों की बरसी को पुण्य तिथि कहना ठीक है । पर साधारण व्यक्ति के साधारण मरण को वैराग्य या पुण्यवर्धक तिथि कहना चाहिेए ।

Read More »

मंगल आशीष

Archives

Archives
Recent Comments

May 5, 2017