Day: November 2, 2017

आतप का बंध

पहले गुणस्थान में 16 कर्म प्रकृतियों की बंध व्युच्छत्ति होती है जिसमें सिर्फ आतप पुण्य प्रकृति है । कारण ? आतप सिर्फ 1 इंद्रिय को

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सुनना

माईक की तरह नहीं सुनना, इधर सुना उधर बाहर । मुनि श्री निर्वेगसागर जी

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मंगल आशीष

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November 2, 2017

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