आतप का बंध
पहले गुणस्थान में 16 कर्म प्रकृतियों की बंध व्युच्छत्ति होती है जिसमें सिर्फ आतप पुण्य प्रकृति है ।
कारण ?
आतप सिर्फ 1 इंद्रिय को ही होता है ।
पं. रतनलाल बैनाड़ा जी
पहले गुणस्थान में 16 कर्म प्रकृतियों की बंध व्युच्छत्ति होती है जिसमें सिर्फ आतप पुण्य प्रकृति है ।
कारण ?
आतप सिर्फ 1 इंद्रिय को ही होता है ।
पं. रतनलाल बैनाड़ा जी