Month: November 2019

पर्व में धर्म

पर्व में धर्म करने को विशेषता क्यों दी गई है ? जो पूरे साल धर्म नहीं कर पाते हैं, वे कम से कम पर्व के

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Leaking Bucket

~ You wake up early morning trying to do your Pooja / Prayers /Yoga but your mind is elsewhere and before you know it. (A

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गंधोदक

गंधोदक उतना ही बनाना चाहिये, जितनी खपत हो । गंधोदक के विसर्जन का उल्लेख शास्त्रों में नहीं मिलता है । मुनि श्री सुधासागर जी

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ज्ञान / ध्यान

सावधानी-पूर्ण ज्ञान ही ध्यान है । इसीलिये ध्यान के “ज्ञानार्णव” शास्त्र का नाम “ज्ञान” पर रखा । मुनि श्री प्रमाणसागर जी

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एकता / मोह

एक जुट हों, एक से जुड़ें नहीं; बेजोड़* बनो । *अखंड/अद्वितीय/व्यापक/अपूर्व आचार्य श्री विद्यासागर जी

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ख़ुशी

ख़ुशी पैसों पर नहीं, परिस्थितियों पर निर्भर करती है… एक बच्चा गुब्बारा ख़रीद कर ख़ुश था, तो दूसरा उसे बेच कर, तीसरा उसे फोड़कर ।

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वैभव

समवसरण के वैभव को देखकर वैभव छोड़ने के भाव आते हैं । जैसे आग तो जलाती है पर चिराग/सूर्य प्रकाश देते हैं । आचार्य श्री

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ध्यान / सेवा

ध्यान का अर्थ है…भीतर से मुस्कुराना, और सेवा का अर्थ है…इस मुस्कुराहट को औरों तक पँहुचाना.. (सुरेश)

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मंगल आशीष

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