Day: March 3, 2024
पारिणामिक भाव
March 3, 2024
तीनों (जीवत्व, भव्यत्व, अभव्यत्व) जीव/ द्रव्य में बने रहते हैं। उस तरह का परिणमन हर समय बना रहता है। मुनि श्री प्रणम्यसागर जी (तत्त्वार्थसूत्र- 2/7)
व्यवसाय / धर्म
March 3, 2024
व्यवसाय (Profession) –> जीवन चलाने को (परम्परा निभाने)* धर्म –> जीव को चलाने। *जे कम्मे सूरा, ते धम्मे सूरा। मुनि श्री प्रमाणसागर जी
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