Day: March 24, 2024
भव्य / भद्र
March 24, 2024
भव्यपना, अनुभूति में नहीं। भद्रपना (क्रूर का विपरीत) अनुभूति में आता है। कल्याण दोनों के होने पर ही। मुनि श्री प्रणम्य सागर जी (तत्त्वार्थ सूत्र-
श्रद्धा
March 24, 2024
बीमार व्यक्ति को गुरु सम्बोधन करने गये। वहाँ कुर्सी रखी थी (व्यक्ति के भगवान के लिये)। वह भगवान को कुर्सी पर कल्पना में विराजमान करके
Recent Comments