अर्थात- “मनुष्य कहीं भी, किसी भी कुल में पैदा हुआ हो, यदि वह गुणवान है, तभी उसकी पूजा होती है।
अच्छे बांस से बना धनुष यदि डोरी-प्रत्यंचा (गुण) विहीन हो, तो वह किसी काम का नहीं होता।”
(सुरेश)
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उपरोक्त कथन सत्य है कि मनुष्य कहीं भी किसी कुल में पैदा हुआ हो यदि गुणवान है तो उसकी पूजा होती है। अतः मनुष्य को गुणवान होना चाहिए ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है।
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उपरोक्त कथन सत्य है कि मनुष्य कहीं भी किसी कुल में पैदा हुआ हो यदि गुणवान है तो उसकी पूजा होती है। अतः मनुष्य को गुणवान होना चाहिए ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है।