धर्म
कमल खिलता है सूर्य के निमित्त से, बढ़ता है कीचड़ के निमित्त से,
वही कमल यदि धर्म रूपी ड़ंठल से अलग हो जाये तो वही सूर्य उसे सुखाने और कीचड़ उसे गलाने में निमित्त बन जाते हैं ।
आचार्य श्री विभवसागर जी
कमल खिलता है सूर्य के निमित्त से, बढ़ता है कीचड़ के निमित्त से,
वही कमल यदि धर्म रूपी ड़ंठल से अलग हो जाये तो वही सूर्य उसे सुखाने और कीचड़ उसे गलाने में निमित्त बन जाते हैं ।
आचार्य श्री विभवसागर जी
One Response
great.
HariBol.