जीवन जन्म से मरण तक होता है। जीवन कमॅ सिद्धांत के अनुसार जीना पडता है। लेकिन जीवन को परमाथॅ के कायॅ करने पर ही अपने कमोॅ में बदलाव लाया जा सकता है। जो जीवन बचा है उसको संयम से धारण करने पर ही अपना कल्याण कर सकेंगे। Reply
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जीवन जन्म से मरण तक होता है। जीवन कमॅ सिद्धांत के अनुसार जीना पडता है। लेकिन जीवन को परमाथॅ के कायॅ करने पर ही अपने कमोॅ में बदलाव लाया जा सकता है। जो जीवन बचा है उसको संयम से धारण करने पर ही अपना कल्याण कर सकेंगे।