सिर्फ़ पुदगल के अणुओं में रुक्षता/स्निग्धता होती है । इसलिये (शायद) हम पुदगलों से रति/अरति करते हैं, और किसी द्रव्य से नहीं । न्यूनतम शक्ति होने पर अणुओं का बंध नहीं होगा । मोह की तीव्रता कम होने पर हम भी बंधते नहीं हैं ।
चिंतन
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