संयम
पेट लैटर-बौक्स नहीं है, कि पोस्टकार्ड, लिफ़ाफ़े कुछ भी डालते रहो; जब मर्ज़ी आये तब, कितने भी डालते रहो।
आचार्य श्री विद्यासागर जी
पेट लैटर-बौक्स नहीं है, कि पोस्टकार्ड, लिफ़ाफ़े कुछ भी डालते रहो; जब मर्ज़ी आये तब, कितने भी डालते रहो।
आचार्य श्री विद्यासागर जी
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संयम का तात्पर्य मन वचन काय की अशुभ प़वति का त्याग करना एवं इन्द्रियों को वश में रखना होता है। अतः आचार्य श्री का कहना सत्य है कि अपनी मर्जी से पेट या लेटर बोक्स में कुछ भी डालते रहोगे तो कुछ भी परिणाम नहीं मिल सकता है। अतः जीवन में संयम धारण करना परम आवश्यक है ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है।