शुद्ध-भाव

संसारी जीवों के, आगम में दो ही भाव हैं – शुभ व अशुभ, शुद्ध-भाव तो सिद्धों में होगा।
अध्यात्म में शुद्ध-भाव आता है, जिसका अर्थ शुद्धोपयोग है जो मार्गात्मक होता है।

आचार्य श्री विद्यासागर जी

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3 Responses

  1. ‘अध्यात्म में शुद्ध-भाव आता है, जिसका अर्थ शुद्धोपयोग है जो मार्गात्मक होता है।’
    Can it’s meaning be explained, please ?

    1. अध्यात्म की द्रष्टि से शुद्ध भाव को शुद्धोपयोग कहा जो मोक्ष का मार्ग है क्योंकि अभी उपयोग लग रहा है।

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