सुख
परमयोगियों के रागादि से रहित होने के कारण, उनका सुख आत्मिक सुख/ स्वसंवेदन माना जाता है।
वे सिद्धों की अपेक्षा से तो समानता नहीं रखते फिर भी इंद्रिय सुखों से रहित होने के कारण उनको अतिंद्रिय सुख कहा जाता है।
आचार्य श्री विद्यासागर जी
परमयोगियों के रागादि से रहित होने के कारण, उनका सुख आत्मिक सुख/ स्वसंवेदन माना जाता है।
वे सिद्धों की अपेक्षा से तो समानता नहीं रखते फिर भी इंद्रिय सुखों से रहित होने के कारण उनको अतिंद्रिय सुख कहा जाता है।
आचार्य श्री विद्यासागर जी
3 Responses
1) ‘परमयोगियों’ se hum kya samjhen?
2) ‘स्वसंवेदन’ ka kya meaning hai, please ?
ऊँचे गुणस्थानों वालों को परमयोगी तथा आत्मा की अनुभूति वालों को स्वसंवेदन वाले कहते हैं।
Okay.