अनंतानुबंधी
अनंतानुबंधी कषाय उनके, जो उन वस्तुओं को पाने के भाव रखते हैं जो उनकी है नहीं, थी नहीं, कभी होगी भी नहीं, जिसकी है वह देना भी नहीं चाहता।
मुनि श्री सुधासागर जी
अनंतानुबंधी कषाय उनके, जो उन वस्तुओं को पाने के भाव रखते हैं जो उनकी है नहीं, थी नहीं, कभी होगी भी नहीं, जिसकी है वह देना भी नहीं चाहता।
मुनि श्री सुधासागर जी
M | T | W | T | F | S | S |
---|---|---|---|---|---|---|
1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 | 7 |
8 | 9 | 10 | 11 | 12 | 13 | 14 |
15 | 16 | 17 | 18 | 19 | 20 | 21 |
22 | 23 | 24 | 25 | 26 | 27 | 28 |
29 | 30 | 31 |
3 Responses
Raavan ki bhi ‘अनंतानुबंधी कषाय’ thi ?
महाराज की परिभाषा के अनुसार तो रावण अनंतानुबंधी कषायी ही था।
Okay.