जीवन
जीवन एक खेल है।
यह हम पर निर्भर करता है कि हम खिलाड़ी बनें या खिलौना !
निर्यापक मुनि श्री वीरसागर जी
जीवन एक खेल है।
यह हम पर निर्भर करता है कि हम खिलाड़ी बनें या खिलौना !
निर्यापक मुनि श्री वीरसागर जी
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2 Responses
मुनि श्री वीरसागर का कथन सत्य है कि जीवन एक खेल है! यह हम निर्भर करता है कि हम खिलाडी बनें या खिलौना! जीवन में खिलाड़ी बनने का प़यास करना है ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है!
खिलाड़ी बनो, न खिलौना,
करो सदा सत काम।
भला करो जीवों का,
और बनो भगवान।।