दृष्टिकोण
अगर आपकी आँखें यह देखने में खोयी रहेंगी कि…..
“क्या हो सकता था”,
तो वे कभी नहीं देख पायेंगी कि….
“क्या हो सकता है”।
अतीत के चश्मे को वर्तमान में प्रयोग करने के लिये Lens बदलवाने ही चाहिये।
(अनुपम चौधरी)
अगर आपकी आँखें यह देखने में खोयी रहेंगी कि…..
“क्या हो सकता था”,
तो वे कभी नहीं देख पायेंगी कि….
“क्या हो सकता है”।
अतीत के चश्मे को वर्तमान में प्रयोग करने के लिये Lens बदलवाने ही चाहिये।
(अनुपम चौधरी)
2 Responses
द्रष्टिकोण का जो उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है! अतः जीवन में वर्तमान में सकारात्मक चश्मे का उपयोग करना चाहिए ताकि द्रष्टिकोण का आनंद आ सकता है!
वस्तू केवल एक है,
भिन्न भिन्न हैं कोण।
दिखती वैसी वस्तु है,
जैसा दृष्टी कोण।।