चाह ज़र* से लगी, जी ज़रा हो गया,
चाह हरि से लगी, जी हरा हो गया।
चाह पूरी हो जाय तो वाह,
चाह पूरी न हो तो आह।।
पर वाह कितनी देर की ?
‘वाह’ को उल्टा करें तो ‘हवा’।
* स्वर्ण/ सम्पत्ति
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4 Responses
चाहना का जो उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है! चाहने वालों को अपनी इच्छाओं को कम करना है, यदि जीवन में शांति चाहते हो! अतः जीवन में सुख, प़सन्नता आदि की चाहत हो , धर्म, भगवान, गुरुओं के प़ति लगाव रखना परम आवश्यक है!
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चाहना का जो उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है! चाहने वालों को अपनी इच्छाओं को कम करना है, यदि जीवन में शांति चाहते हो! अतः जीवन में सुख, प़सन्नता आदि की चाहत हो , धर्म, भगवान, गुरुओं के प़ति लगाव रखना परम आवश्यक है!
1) ‘जी ज़रा हो गया’ ka kya meaning hai, please ?
2) ‘वाह’ को उल्टा करें तो ‘हवा’’ ka kya relevance hai ?
1) जो वैभव के पीछे भागता है उसका जीवन जरा(थोड़ा) सा रह जाता है।
2) जैसे हवा के झोके क्षणिक होते हैं ऐसे ही “वाह” थोड़े समय टिकती है।
Okay.