मान्यता
गुणी व्यक्ति ही दूसरे के गुण को पहचान सकता है, गुणहीन नहीं।
बलवान ही दूसरे के बल को पहचानता है, बलहीन नहीं।
बसंत ऋतु आये तो उसे कोयल ही पहचान सकती है, कौआ नहीं।
सिंह के बल को हाथी पहचानता है, चूहा नहीं।
(सुरेश – इंदौर)
गुणी व्यक्ति ही दूसरे के गुण को पहचान सकता है, गुणहीन नहीं।
बलवान ही दूसरे के बल को पहचानता है, बलहीन नहीं।
बसंत ऋतु आये तो उसे कोयल ही पहचान सकती है, कौआ नहीं।
सिंह के बल को हाथी पहचानता है, चूहा नहीं।
(सुरेश – इंदौर)
One Response
श्री सुरेश जी ने मान्यता का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है! अतः जीवन में जो गुणी वान होता है वही अच्छे कार्यों की मान्यता प्रदान करने में समर्थ होते हैं!