आवश्यकताओं की तरह, नियम भी 3 प्रकार के….
(1) आवश्यक…. Minimum, इतने तो होने ही चाहिये। किसी भी हालात में छोड़ना नहीं।
(2) आरामदायक…. आराम में कमी होने पर नियम तोड़ दिया।
(3) विलासपूर्ण…. नाम/ शौहरत के लिये लेना, थोड़े समय में छोड़ देना।
चिंतन
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उपरोक्त कथन सत्य है कि आवश्यकताओं की तरह तीन प्रकार के नियम होते हैं! अतः जीवन का कल्याण करना हो तो आवश्यक का पालन करना चाहिए, कम से कम इतने होना चाहिए कि किसी हालत में छोडना नहीं पडे! अतः बाकी के दो नियम आराम व विलासिता पूर्वक जीवन रहता है!
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उपरोक्त कथन सत्य है कि आवश्यकताओं की तरह तीन प्रकार के नियम होते हैं! अतः जीवन का कल्याण करना हो तो आवश्यक का पालन करना चाहिए, कम से कम इतने होना चाहिए कि किसी हालत में छोडना नहीं पडे! अतः बाकी के दो नियम आराम व विलासिता पूर्वक जीवन रहता है!