प्रत्यक्ष / परोक्ष
प्रत्यक्ष से देखे/ सुने का वर्णन परोक्ष से ही सम्भव होता है।
आचार्य श्री विद्यासागर जी
प्रत्यक्ष से देखे/ सुने का वर्णन परोक्ष से ही सम्भव होता है।
आचार्य श्री विद्यासागर जी
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आचार्य श्री विद्यासागर महाराज जी का कथन सत्य है प़त्यक्ष से देखे एवं सुनने का वर्णन परोक्ष से ही सम्भव होता है!