अलौकिक ज्ञान

जो ज्ञान सामान्य लोगों को नहीं दिया जाता/ वह ज्ञान जो लौकिकता से ऊपर उठा हुआ जैसे जीवकांड का ज्ञान।
पर उसे पारलौकिक (Other Worldly) ज्ञान नहीं कहेंगे।

मुनि श्री प्रणम्यसागर जी

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11 Responses

  1. मुनि श्री प़णम्यसागर महाराज का कथन सत्य है कि वह ज्ञान लौकिकता से ऊपर उठा हुआ जैसे जीवकांड का ज्ञान!

  2. ‘उसे पारलौकिक (Other Worldly) ज्ञान’ नहीं kehne ka kya reason hai ?

    1. लौकिक = संसार बढ़ाने का ज्ञान।
      अलौकिक = संसार घटाने वाला।
      पारलौकिक = संसार से ऊपर/ बाहर का ज्ञान।

    1. पारलौकिक जो सिद्ध/ आत्मा का ज्ञान कराये।

  3. Par kya ‘जीवकांड’ , ‘सिद्ध’/’आत्मा’ का ज्ञान nahi karata ? If so, use ‘पारलौकिक ज्ञान’ kah sakte hain, na ?

    1. हाँ, जीवकांड में सिद्ध भगवान का शायद वर्णन नहीं है।

  4. Magar, ’आत्मा’ का वर्णन to hoga ? If so, use ‘पारलौकिक ज्ञान’ kah sakte hain, na ?

    1. इस item से तो लगता है कि संसारी जीवों के बारे में ही होगा।

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