स्व/स्वरूप संवेदन
स्व संवेदन… मैं हूँ/ आत्म संवेदन।
स्वरूप संवेदन जैसे गर्म पानी जो उसका स्वभाव नहीं है (पर वर्तमान में उसका स्वरूप गर्म है)
मुनि श्री सुधासागर जी
स्व संवेदन… मैं हूँ/ आत्म संवेदन।
स्वरूप संवेदन जैसे गर्म पानी जो उसका स्वभाव नहीं है (पर वर्तमान में उसका स्वरूप गर्म है)
मुनि श्री सुधासागर जी
One Response
मुनि श्री सुधासागर महाराज जी ने स्व एवं स्वरुप संवेदन का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन में आत्मा का ज्ञान होगा वही आत्म संवेदन होगा।