प्रतिबिम्ब
पटना के एक सप्ताह के प्रोग्राम से लौटने पर एक स्वाध्यायी ने कहा → यहाँ तो सूना कर गये (स्वाध्याय बंद हो गया था)।
जबाब → भगवान के जाने के बाद सूना हुआ था क्या ?
क्यों नहीं हुआ था ?
उनका प्रतिबिंब बना कर उनकी कमी की पूर्ति करते हैं।
आपने मेरी जगह दूसरों से स्वाध्याय क्यों नहीं किया ?
चिंतन
2 Responses
नहीं किसी के जाने से,
संसार खत्म है होता।
संसार स्वयं से चलता,
क्यों मानव तूं रोता।।
प़तिबिम्ब का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन में जिससे प़ेरणा लेना है तो अपने हृदय में प़तिबिम्ब बसा ली तो आपका कार्य हो सकता है।