क्या सम्मान पैसे का ?
देखने में आता है कि पैसे वालों का ही सम्मान होता है,
क्या उससे गरीबों का अपमान नहीं होता ?
सम्मान पैसे वालों का नहीं उनके पूर्व के पुण्यों का होता है जिसके कारण उन्हें पैसा मिला/ पैसे के त्याग का होता है।
गरीबों का अपमान उनके पूर्व के पापों से होता है, जिसके कारण वे गरीब बने।
निर्यापक मुनि श्री सुधासागर जी
(लेकिन हम गरीबों के अपमान में निमित्त न बनें तथा उनके छोटे से दान की बड़ी सराहना करें)
One Response
मुनि श्री सुधासागर महाराज जी ने क्या सम्मान पैसे का के बाबत उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन में सम्मान गुणों का होना चाहिए, पापों का नहीं होना चाहिए।