संहनन

प्रवचनादि सुनते समय भी चक्रवर्ती जैसी सुख सुविधा सजा कर बैठते हो, तभी तो चक्रवर्ती के चक्र (पंखे) चलाकर बैठते हो।
तब चक्रवर्ती जैसा संहनन कैसे मिलेगा ?

आचार्य श्री विद्यासागर जी

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2 Responses

  1. आचार्य श्री विद्यासागर महाराज जी ने संहनन का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। जीवन में संहनन अच्छे कर्मों का फल होता है।

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