जिस दिन आपको यह अनुभव हो जायेगा कि… “सब दौड़ व्यर्थ है”।
उस दिन आप उसी जगह पर खड़े रह जाते हैं, जहाँ परमात्मा है।
(धर्मेन्द्र)
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श्री धर्मेन्द्र जी का उदाहरण जिन्दगी की दौड़ के लिए दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन सब खराब दिखता है तो धर्म से जुडकर मोक्ष मार्ग पर चलने का प़यास करना चाहिए ताकि जीवन सुखमय हो सकता है।
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श्री धर्मेन्द्र जी का उदाहरण जिन्दगी की दौड़ के लिए दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन सब खराब दिखता है तो धर्म से जुडकर मोक्ष मार्ग पर चलने का प़यास करना चाहिए ताकि जीवन सुखमय हो सकता है।