सम्यग्दर्शन तो जीव जन्म के साथ लेकर आ सकता है पर सम्यक्चारित्र तो समझदार होने पर पुरुषार्थ के द्वारा ही आता है।
आचार्य श्री विद्यासागर जी
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4 Responses
आचार्य श्री विद्यासागर महाराज जी ने सम्यक्चारित्र की परिभाषा बताई गई है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन में सम्यक्चारित्र का होना परम आवश्यक है, क्योंकि यही वास्तविक धर्म है, इसके बिना जीवन व्यर्थ होता है।
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आचार्य श्री विद्यासागर महाराज जी ने सम्यक्चारित्र की परिभाषा बताई गई है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन में सम्यक्चारित्र का होना परम आवश्यक है, क्योंकि यही वास्तविक धर्म है, इसके बिना जीवन व्यर्थ होता है।
What about ‘Samyaggyaan’ ? Ise clarify karenge, please ?
सम्यग्ज्ञान तो सम्यग्दर्शन के साथ युगपत हो ही जाता है।
Okay.