“पर” से दुःख
डाक्टरों ने एक Experiment किया –> एक महिला के दोनों हाथ मेज पर रखवाये, बीच में Partition खड़ा कर दिया। बायें हाथ के पास एक नकली दायाँ हाथ रख दिया। थोड़ी देर तक डाक्टर नकली दांये हाथ पर Pencil फेरता रहा/ कहता रहा –> ये मेरा दायाँ हाथ है। थोड़ी देर बाद नकली हाथ पर हथौड़ा मारा तो महिला दर्द से चीख पड़ी। क्योंकि वह नकली हाथ(पर को) अपना मानने लगी थी।
(डा.एस.एम.जैन)
One Response
डाक्टर एस एम जैन ने पर से दुख का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन में पर में दुख नज़र आता है तो उसका निवारण करना परम आवश्यक है ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है।