पूजा / छह आवश्यक

पूजा में छह आवश्यक* घटित किये जा सकते हैं;
पर घटित होते नहीं हैं।

मुनि श्री अजितसागर जी

* गुरुपास्ति, देवदर्शन/ पूजा, दान(यहाँ ज्ञान), तप(इच्छानिरोध), संयम, स्वाध्याय।

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6 Responses

  1. मुनि श्री अजितसागर महाराज जी ने पूजा, छह आवश्यक को परिभाषित किया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन के कल्याण के लिए पूजा विशुद्ध भाव से करना परम आवश्यक है।

  2. पूजा में ‘ज्ञान-दान” aur “स्वाध्याय” kaise ghatit hota hai?Yeh aur bata denge, please ?

    1. पूजा में भगवान के गुणगान होते हैं/ संसार की रचना की बातें होती हैं/ 12 भावना की बातें होती हैं। इन सबसे खुद का और अगर सामूहिक है तो सबका ज्ञान बढ़ेगा कि नहीं।
      इन सब चीजों को पढ़ने से स्वाध्याय भी माना जाएगा; स्वाध्याय क्या है यही सब तो है।

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