शुद्ध जीवों में क्रिया

शुद्ध जीव 14वें गुणस्थान से सिद्धालय तक की 7 राजू की यात्रा करके हमेशा – हमेशा के लिये क्रिया रहित हो जाते हैं।

मुनि श्री प्रणम्यसागर जी (तत्त्वार्थ सूत्र – 5/11)

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One Response

  1. मुनि श्री प़णम्यसागर महाराज जी ने शुद्ध जीवों में क़िया को परिभाषित किया गया है वह पूर्ण सत्य है।

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