मुनि श्री मंगलसागर महाराज जी ने आसक्ति को परिभाषित किया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन के कल्याण के लिए धर्म में आसक्ति बढाना परम आवश्यक है। Reply
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मुनि श्री मंगलसागर महाराज जी ने आसक्ति को परिभाषित किया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन के कल्याण के लिए धर्म में आसक्ति बढाना परम आवश्यक है।