नीलेश भैया जी ने सुख, मजा एवं आनन्द को परिभाषित किया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन के कल्याण के लिए आत्मा को आनन्द की परम आवश्यकता है। Reply
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नीलेश भैया जी ने सुख, मजा एवं आनन्द को परिभाषित किया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन के कल्याण के लिए आत्मा को आनन्द की परम आवश्यकता है।