तप
मुनि श्री पावनसागर जी का आहार पिछले 11 दिनों से नहीं हुआ है ।
मुनि श्री अहमदाबाद में हैं, उनकी विधि (नियम) नहीं मिल रही है ।
आप से जिस रूप में बन सके मुनि श्री के प्रति शुभ भावनायें प्रबल करें ।
तेरहवें दिन महाराज श्री की क्रिया/विधि ( 3 दंपत्ति मुकुट बांधे, हाथ में तीन तीन कलश लिये हुये खड़े हों ) मिल गई और आहार निर्विघ्न संपन्न हुये ।
One Response
Jai Jinendra,
Aapke is prayas ke liye poora sahyog Jinvaani.org ki team ki taraf se.
We wanted to take your approval if we can take the quote from your website and put on the front page of our website (www.jinvaani.org)
We are on the same path to give more awareness to people about Jainism.
Please let us know if you have any suggestions for us. We are great admirer of Muni Shri khsamasagar ji.
Regards,
Charu Jain