Balanced Life
मंदिर/ दिन में धर्मध्यान, व्यवसाय/ रात में, बेईमानी/ मस्ती ये Balanced Life नहीं कही जा सकती।
धर्म/ ईमानदारी के साथ सीमित Enjoyment Balanced Life कही जानी चाहिये।
मुनि श्री प्रमाणसागर जी
मंदिर/ दिन में धर्मध्यान, व्यवसाय/ रात में, बेईमानी/ मस्ती ये Balanced Life नहीं कही जा सकती।
धर्म/ ईमानदारी के साथ सीमित Enjoyment Balanced Life कही जानी चाहिये।
मुनि श्री प्रमाणसागर जी
One Response
मुनि महाराज श्री प़माणसागर महाराज का कथन सत्य है कि धर्म, ईमानदारी के साथ सीमित आराम तलब जिन्दगी को बैलेन्सड कहना उचित होगा! जिन्दगी में पाप के काम सोचना भी नहीं चाहिए, सभी जीव के भलाई एवं स्वयं की आत्मा पर ध्यान रखना परम आवश्यक है ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है!