Tag: जीवन
जीवन-पथ
December 19, 2010
हमें भी सीखना होगा, संभलकर चलना, ज़िंदगी के रास्ते समतल नहीं होंगे । अपने सवाल दूसरों से हल नहीं होंगे ।। (श्रीमति शशि)
जीवन
December 4, 2010
जीवन रेल की पटरी नहीं जो हमेशा समानांतर चले, यह तो गंगा की धारा जैसी होनी चाहिये जो कहीं गिरती है, कहीं रूकावटें आती हैं,
जीवन
July 11, 2010
जीवन बांसुरी जैसा है, जिसमें बहुत से छेद (कमियाँ) हैं, अंदर से खोखली है (सार नहीं है) । यदि सही छेद को, सही समय पर
आचरण
March 21, 2010
कोई तुम्हें बातों के बीज दे, तुम उनके फूलों के पौधे बनाकर ( अपनी क्रिया से ) अपने जीवन को सजा लेना ।
धर्म
February 10, 2010
धर्म की पहचान, अधर्म पहचानने से होगी । अधर्म कम करते जाओ, जीवन में धर्म आता जायेगा । अधर्म किसके लिये ? शरीर के लिये
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