Tag: मुनि श्री प्रमाणसागर जी
संवेदना
संवेदनशील ही सत्संग में जाकर सद्भावनाओं को परिष्कृत करता है । उससे आत्मशुद्धि कर, सिद्धि को प्राप्त करता है । मुनि श्री प्रमाणसागर जी
प्रकृति
गाय का दूध निकालना – प्रकृति, दूध का फटना – विकृति, दूध से घी निकालना – संस्कृति । प्रकृति को विकृति से बचायें, संस्कृति की
क्षमा-दिवस
इस साईट के प्रणेता- गुरूवर मुनि श्री क्षमासागर जी महाराज का आज समाधिमरण हो गया । पूज्य मुनि श्री ने पिछले दो दिनों से आहार
ज्ञान
ज्ञान पाने के 4 चरण गुरु विनय स्वयं का अभ्यास/पुरूषार्थ पुण्य/समय आना मुनि श्री प्रमाणसागर जी
स्वप्न
99% सपने और जो बार बार एक ही स्वप्न आये तो उनका महत्व कुछ भी नहीं होता । मुनि श्री प्रमाणसागर जी
संगति
जब निर्जीव खरबूजा खरबूजे को देखकर रंग बदल सकता है, तो हम तो सजीव हैं तो अच्छी/बुरी संगति का असर हम पर नहीं होगा ?
प्रेम/राग
जिसमें आकुलता, वह राग । जिसमें निराकुलता, वह प्रेम । मुनि श्री प्रमाणसागर जी
धर्माचरण
धर्माचरण का उद्देश्य पाप काटना हुआ तो फल आधा मिलेगा, पाप त्यागने का उद्देश्य हुआ तो फल पूरा तथा तुरंत शुरू । मुनि श्री प्रमाणसागर
आनंद
आनंदमयी जीवन उन्हीं का होता है जो कर्म सिद्धांत को जीवन की व्यवस्था जानते, मानते तथा प्रयोग करते हैं । मुनि श्री प्रमाणसागर जी
वृद्धावस्था
आजकल प्राय: वृद्ध लोगों की अवहेलना होती देखी जाती है, पहले तो नहीं होती थी !! पहले वृद्ध , बच्चों के बड़े होते ही उन्हें
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