Tag: धर्मेंद्र
अवनति
गिरने से बचो, गिरी हुई इमारत की तो ईटें भी उठा लेते हैं। खड़ी इमारत को कोई हाथ भी नहीं लगाता। (धर्मेंद्र)
पुरुषार्थ
साइकिल बिना पैडिल मारे कैसे चल रही है ? पहले ज्यादा पैडल मार लिए थे। (धर्मेंद्र)
शनिग्रह
शनिग्रह लगने से किसी को नुकसान होता है, किसी को फायदा । तो यह फायदा शनिग्रह ने कराया या हमारे पाप/पुण्य ने ? धर्मेंद्र
Hope/Dream
Our hopes and dreams should be like hair and nails… No matter how many times they get cut but they never stop growing. (Mr. Dharmendra)
लोग क्या कहेंगे ?
हमें वो चार लोग आज तक नहीं मिले ? जिनको मेरी Personal Life में इतना Interest है कि घरवाले हमेशा बोलते हैं…. चार लोग देखेंगे
प्रमाद
चलते समय सिर उठाकर चलना, बैठे में सिर झुका कर रखना, लेटे में आँख खोलकर रखना, प्रमाद है । श्री धर्मेंद्र
सादगी
मि. फोर्ड़ (प्रसिद्ध कार कंपनी के मालिक) अमेरिका में बड़े सादगी से रहते थे, कपड़े भी बहुत सामान्य से पहनते थे, उनका दोस्त हमेशा उन्हें
मंज़िल
रास्ते कहां खत्म होते हैं ज़िंदगी के सफ़र में, मंज़िल तो वही है जहां ख़्वाइशें थम जायें । (श्री धर्मेंद्र)
श्री महावीर जयन्ती
ना हिंसा करो, ना वार करो, ना अच्छे काम से इंकार करो । करना है अगर तो सबसे प्यार करो, प्रेम का अमृत पीने दो,
Ego
Ego is a double edged sword : Outer edge cuts our Popularity; While the inner edge cuts our Purity. (Mr. Dharmendra)
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