अज्ञान / प्रमाद

अज्ञान उतना ख़तरनाक नहीं, जितना प्रमाद।

आचार्य श्री विद्यासागर जी

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One Response

  1. अज्ञान का तात्पर्य कुछ जानता नहीं है या समझता नहीं है।प़माद का तात्पर्य कि अच्छे कार्यों में आदर भाव का न होना यह संज्वलन कषाय की तीव्र होना है। उपरोक्त कथन सत्य है कि अज्ञान उतना खतरनाक नहीं है, जितना प़माद। अतः जीवन में अपना कल्याण करना हो तो प़माद का त्याग करना परम आवश्यक है।

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