अतिथि संविभाग

अतिथि संविभाग में जैसे अपने लिये बनाये गये भोजन में से अतिथि को उचित भाग देते हैं,
वैसे ही ज्ञान अपने लिये अर्जित करके उसमें से दूसरों को दे सकते हैं/ देना चाहिए।

मुनि श्री सुधासागर जी

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One Response

  1. मुनि श्री सुधासागर महाराज जी का कथन सत्य है कि अतिथि संविभाग में जैसे अपने लिए बनाए गए भोजन में से अतिथि को उचित भाग देते हैं, वैसे ही ज्ञान अपने लिए अर्जित करके उसमें से दुसरों को दे सकते हैं! अतिथि का मतलब जो बिना बताये घर में आते हैं, उनको भोजन देना परम आवश्यक है, ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है!

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