हम अधूरे क्यों ?
हम दृश्य को ही जानते/जानना चाहते हैं ।
जबकि अदृश्य, दृश्य से अनंतगुणा है ।
मुनि श्री महासागर जी
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जीवन में अधूरे क्यों है क्योंकि हम लोग द्वश्य को जानते या जानना चाहते हैं लेकिन अद्वश्य अनंतगुणा है।जो अद्वश्य है वह चेतन आत्मा है,जिसको जानने पर जीवन का कल्याण कर सकते हैं। प़त्येक जीव में आत्मा होती हैं लेकिन अज्ञानता के कारण पहिचान नहीं कर पाते हैं, यदि जान ले तो वह अधुरा नहीं रहेगा।
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जीवन में अधूरे क्यों है क्योंकि हम लोग द्वश्य को जानते या जानना चाहते हैं लेकिन अद्वश्य अनंतगुणा है।जो अद्वश्य है वह चेतन आत्मा है,जिसको जानने पर जीवन का कल्याण कर सकते हैं। प़त्येक जीव में आत्मा होती हैं लेकिन अज्ञानता के कारण पहिचान नहीं कर पाते हैं, यदि जान ले तो वह अधुरा नहीं रहेगा।