अनेकांती वह…
जो विवाद होने पर, अनेकों की राय/निर्णय को सम्मान दे ।
चिंतन
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जैन धर्म का अनेकांत मुख्य उद्देश्य है। अनेकांत का मतलब एक ही वस्तु में परस्पर विरोधी अनेक धर्मों के प़तीत को कहते हैं, जबकि प़त्येक वस्तु अनेक धर्मों से समविन्त है।
अतः उक्त कथन सत्य है कि अनेकांती वह है,जो विवाद होने पर, अनेकों राय एवं निर्णय को सम्मान दे ।
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जैन धर्म का अनेकांत मुख्य उद्देश्य है। अनेकांत का मतलब एक ही वस्तु में परस्पर विरोधी अनेक धर्मों के प़तीत को कहते हैं, जबकि प़त्येक वस्तु अनेक धर्मों से समविन्त है।
अतः उक्त कथन सत्य है कि अनेकांती वह है,जो विवाद होने पर, अनेकों राय एवं निर्णय को सम्मान दे ।