अपनी पूजा

भक्तों के द्वारा गुरु की पूजा करते समय गुरु को ध्यान से सुनना चाहिये ताकि अपने आपको उस योग्य बनाये रखने की प्रेरणा मिलती रहे, कमियों को ठीक करने का निमित्त मिलता रहे ।

आचार्य श्री विद्यासागर जी

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One Response

  1. यह कथन बिलकुल सत्य है।
    भगवान् की पूजा करते समय अपने अन्दर उनको बैठाकर ही पूजा करना चाहिए तभी आपको उसका फल प्राप्त होगा। अतः इसी प्रकार गुरुओं की पूजा करते समय उनको अपने हृदय में आत्मसात करके ही करना चाहिए जिससे जो भगवान् के उपदेश उनके द्वारा दिये जाते हैं उनको आत्मसात करने का प्रयास करना चाहिए तभी सच्ची पूजा कही जा सकती है और तभी ही अपना कल्याण कर सकेंगे।

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