अभिमान
“मैं हूँ” ऐसा सोचने/ मानने में हानि नहीं।
“मैं कुछ हूँ” अभिमान दर्शाता है।
मुनि श्री प्रमाणसागर जी
“मैं हूँ” ऐसा सोचने/ मानने में हानि नहीं।
“मैं कुछ हूँ” अभिमान दर्शाता है।
मुनि श्री प्रमाणसागर जी
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One Response
मुनि श्री प़माणसागर महाराज जी ने अभिमान का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन का कल्याण करने के लिए कभी अभियान नहीं करना चाहिए।