अवतारवाद
अवतारवाद → ऊपर से नीचे तथा नीचे से ऊपर।
उत्तीर्णवाद → नीचे से ऊपर ही (मनुष्य से भगवान, बनने की प्रक्रिया जैसा जैन-दर्शन में)
निर्यापक मुनि श्री सुधासागर जी
अवतारवाद → ऊपर से नीचे तथा नीचे से ऊपर।
उत्तीर्णवाद → नीचे से ऊपर ही (मनुष्य से भगवान, बनने की प्रक्रिया जैसा जैन-दर्शन में)
निर्यापक मुनि श्री सुधासागर जी
One Response
मुनि श्री सुधासागर महाराज जी ने अवतारवाद की परिभाषा की गई है वह पूर्ण सत्य है। अतः जैन दर्शन में उत्तीर्णवाद की ही महत्वपूर्ण भूमिका रहती है।