कर्म
जीवों के कर्म ही उनके बंधन और मोक्ष के जन्मदाता हैं, आत्मा की कोई भूमिका नहीं है।
आत्मा तो पंगु के समान है, तीन लोक में उसे कर्म ही ले जाते हैं।
जीवों के कर्म ही उनके बंधन और मोक्ष के जन्मदाता हैं, आत्मा की कोई भूमिका नहीं है।
आत्मा तो पंगु के समान है, तीन लोक में उसे कर्म ही ले जाते हैं।