जब मार्णांतिक समुद्धात ढ़ाई द्वीप के बाहर भी होता है तो आहारक शरीर क्यों नहीं जाता ? जहाँ तक मनुष्य जा सकता, वहीं तक मुनिराज के जाने का मन होता है।
मुनि श्री प्रणम्यसागर जी (जिज्ञासा समाधान – 9.6.21 )
मुनि श्री प़णम्यसागर महाराज जी ने आहारक शरीर का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है।
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मुनि श्री प़णम्यसागर महाराज जी ने आहारक शरीर का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है।