समवसरण में 100 इंद्र

शेर तो बहुत सारे, देवों में इंद्र असंख्यात तो कौन सा शेर/ इंद्र लेना ?
1 समुदाय से एक-एक लेना।

मुनि श्री सुधासागर जी

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12 Responses

  1. मुनि श्री सुधासागर महाराज जी का कथन सत्य है कि शेर एवं देव बहुत होते हैं, लेकिन उचित होगा समुदाय से एक एक लेना!

  2. 1) ‘100 ‘ ka kya significance hai ?
    2) ‘शेर’ ko ‘इंद्र’ se kyun compare kiya ?
    3) Yahan par kaunsi ‘समुदाय’ ki baat ho rahi hai ?

    1. 1) सब categories का जोड़ 100 आता है।
      2) शेर जानवरों का इंद्र, क्योंकि सबसे ताकतवर।
      3) देवताओं, जानवरों, मनुष्यों का चक्रवर्ती।

    1. देवताओं में चारों निकायों के सारे इंद्र (अहमेंद्रो को छोड़ कर जो आते नहीं हैं), जानवर तथा मनुष्यों के एक-एक head/ इंद्र (समवसरण के area में एक-एक ही शेर व चक्रवर्ती होगा)

    1. नरक में इंद्र नहीं होते।
      नारकी समवसरण में आते नहीं।

    1. कहना चाह रहे हैं कि जिस क्षेत्र में समवसरण लगा होता है उस क्षेत्र में शेर व चक्रवर्ती एक-एक ही होंगे।

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