उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म

मेरे काॅलिज के समय मेरी बुआ जी ने ब्रह्मचर्य व्रत लिया था।
ब्रह्मचर्य क्या होता है ?
समझाने बुआजी ने एक ओर मुझे बैठाया दुसरी ओर फूफा जी बैठे थे। बुआ जी ने दोनों पर हाथ रखते हुए कहा …जिस दिन दोनों हाथों की संवेदनायें एकसी हो जायेंगी तब ब्रह्मचर्य कहा जायेगा।

गुरुवर मुनि श्री क्षमा सागर जी

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One Response

  1. ब़ह्म अर्थात आत्मा से चर्चा का नाम ब़ह्मचर्य धर्म है। ब़ह्म में विषयों से अपनी रक्षा करना परम आवश्यक है। भोगों से विरक्ति, कषायों का अभाव, निष्पाप अवस्था में अपने को आनन्द मिलना है। धार्मिक व्यतियों को संसारिक बातों से विरक्ति होना चाहिए एवं भोगों से दूर रहना परम आवश्यक है।

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