उधारी

1 ठग सेठ को ठगने पहुँचा। वहाँ देखा कि सेठ तो किसी को भी पैसे उधार दे रहा है। उसने भी 1 लाख रू. उधार मांगे।
सेठ ने दे दिये और पूछा कि कब लौटाओगे?

अगले जन्म में।

सेठ ने बहीखाते में लिख लिया। ठग खुशी खुशी अपने गांव की ओर जाते समय एक जानवरों के तवेले में रूक गया। वहां दो बैल आपस में बात कर रहे थे।
पहले बैल ने कहा – आज मैंने किसान से पिछले जन्म के उधार लिये हुये 100 रू, दिन रात मेहनत करके चुका दिये, अब मैं मुक्त हूँ, अगले जन्म में अच्छी पर्याय पा कर सुख से रहूँगा।

दूसरा बैल दुःखी हो रहा था, क्योंकि उसने तो पिछले जन्म में  किसान से 1000 रू. उधार लिये थे, उसे तो अभी बहुत दिन किसान की सेवा करनी थी पर उसने कहा कि एक तरकीब है – यदि कोई मुझे किसान से 2000 रू. में खरीद ले तो किसान 1000 में तो दूसरा बैल खरीद लेगा और मेरा 1000 रूपया चुक जायेगा। खरीदने वाले को भी घाटा नहीं होगा, वह मुझे राजा के हाथी से लड़वाकर 1 लाख रू. ईनाम के जीत सकता है।

पहले बैल ने पूछा कि तू हाथी को हरायेगा कैसे?
दूसरे ने कहा कि उस हाथी पर मेरे पिछले जन्म के 5000 रू. उधार हैं, वो मुझसे  लड़ेगा नहीं।

यह सुनने के बाद, पहला बैल मर गया और ठग को विश्वास हो गया।

ठग ने किसान से बैल खरीद कर हाथी से लड़वाया और हाथी जैसे ही बैल के सामने आया, बैल ने उससे अपने उधार लिये हुये 5000 रू. मांगे और यह सुनकर हाथी पीछे  भाग गया  और ठग को 1 लाख रू. इनाम के मिल गये ।

रूपये लेकर ठग सेठ के पास लौटाने गया, पर सेठ ने लेने से इंकार कर दिया, क्योंकि उसके बहीखाते में पैसे लौटाने की तारीख अगले जन्म की थी । ठग के बहुत प्रार्थना करने के ज़बाब में सेठ ने बताया की वह तो व्यापारी है और Fix Deposit की तरह जितने अधिक समय के लिये पैसे उधार ( Invest ) देगा, उतना ही ज्यादा Rate of Interest  उसे मिलेगा ।

हताश ठग ने उन 1 लाख रूपयों से उस शहर में एक तालाब खुदवाया पर पानी किसी को नहीं लेने देता था, पूछने पर बोलता था कि यह तालाब सेठ का है और उनकी आज्ञा के बिना कोई पानी नहीं ले सकता । लोग सेठ को लेकर उसके पास आए, तब ठग बोला की यह आपके पैसों का ही है यानि कि आपका ही तालाब है और पानी तब लेने दूंगा, जब आप मेरे को 1 लाख रूपये वापस मिलने की रसीद दे देगें, ताकी मुझे अगले जन्म में बैल आदि बनकर आपकी उधारी ना चुकानी पड़े । सेठ ने पावती दे दी ।

(श्री सौरभ)

क्या हमने मां, बाप, गुरू, समाज, धर्म और देश का कर्जा चुकाने के बारे में कभी सोचा है ?

Share this on...

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This question is for testing whether you are a human visitor and to prevent automated spam submissions. *Captcha loading...

Archives

Archives
Recent Comments

February 19, 2010

January 2025
M T W T F S S
 12345
6789101112
13141516171819
20212223242526
2728293031